करो तुम प्यार तन-मन से, तुम्हारी मातृभाषा को
करो तुम प्यार तन-मन से, तुम्हारी मातृभाषा को
नहीं समझो कभी छोटा, तुम्हारी मातृभाषा को।
सफल होगा जनम तेरा,बढ़ेगी शान दुनिया में।
अगर समझो तुम्हारी माँ,तुम्हारी मातृभाषा को ।।
2.
जनम लेकर किये हो तुम,सदा जिस भाष में बातें।
जिसे कहकर कटे हैं दिन,कटी है आज तक रातें।
वही भाषा तुम्हारी है,उसी पर जां लुटाओ तुम।
कभी तुमको नहीं झुकना,किसी भी चाह के वास्ते।।
3.
बचाना मातृभाषा को,परम कर्त्यव्य है तेरा।
करो मत आंग्ल की पूजा,पड़ो मत आंग्ल का फेरा।
कि भारत में कही जाती,अभी तेइस परम बोली।
सभी भाषा तुम्हारी है , जमाओ तुम सदा डेरा।।
4.
दिखा दो ठाँठ तुम अपनी,कहो निज भाष गौरव से।
करो निज बाग को गुलजार,मधुमय भाष सौरभ से।
हमारी मात सी समझो ,हमारी मातृभाषा को।
उसी पर बात करना है,किये जो भाष शैशव से।
ममता बनर्जी 'मंजरी'
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